
जनसंख्या के मामले में वर्ष 2024 तक चीन से आगे होगा भारत : रिपोर्ट
2017-06-22 : भारत की आबादी पहले के अनुमान से सात साल बाद यानी वर्ष 2024 के आसपास चीन की आबादी को पार कर सकती है। इसके वर्ष 2030 तक 1.5 अरब होने की संभावना है। संयुक्त राष्ट्र के एक पूर्वानुमान में यह दावा किया गया है। संयुक्त राष्ट्र के आर्थिक एवं सामाजिक मामलों के विभाग ने विश्व आबादी संभावना: वर्ष 2017 समीक्षा का प्रकाशन किया है। इसमें कहा गया है कि चीन की आबादी फिलहाल 1.41 अरब है और भारत की 1.34 अरब है। इन दोनों देशों की विश्व आबादी में क्रमश: 19 और 18 फीसदी की हिस्सेदारी है।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि करीब सात साल में अर्थात् वर्ष 2024 के आसपास भारत की आबादी चीन की आबादी को पार करने की उम्मीद है। सामूहिक रूप से 10 देशों की आबादी वर्ष 2017 से वर्ष 2050 के बीच बढ़ कर विश्व की कुल आबादी की आधी से अधिक हो जाने की उम्मीद है। इन देशों में भारत, इथोपिया, तंजानिया, अमेरिका, यूगांडा, नाइजीरिया, कांगो, पाकिस्तान, इंडोनेशिया और मिस्र शामिल हैं।
इन 10 देशों में नाइजीरिया की आबादी सबसे तेजी से बढ़ रही है। उसकी आबादी अमेरिका की आबादी को पार कर जाने का अनुमान है और वर्ष 2050 से कुछ वर्ष पहले यह विश्व की तीसरा सर्वाधिक आबादी वाला देश बन जाएगा। यह संयुक्त राष्ट्र आधिकारिक अनुमान के 25वें दौर की समीक्षा रिपोर्ट है। संयुक्त राष्ट्र के 24वें दौर का अनुमान वर्ष 2015 में जारी किया गया था। इसमें अनुमान लगाया गया था कि भारत की आबादी वर्ष 2022 तक चीन को पार कर जाएगी।
हालांकि नए अनुमान में कहा गया है कि वर्ष 2024 में भारत और चीन, दोनों की आबादी लगभग 1.44 अरब के आसपास होगी। इसके बाद भारत की आबादी वर्ष 2030 में 1.5 अरब और वर्ष 2050 में 1.66 अरब होने का अनुमान है। चीन की आबादी वर्ष 2030 तक स्थिर रहने का अनुमान है जिसके बाद इसमें धीमी गिरावट आ सकती है। भारत की आबादी में वर्ष 2050 के बाद कमी आ सकती है।