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भारतीय कम्पनियों को UAE में पहली बार तेल क्षेत्र में 10% हिस्सेदारी मिली

भारतीय कम्पनियों को UAE में पहली बार तेल क्षेत्र में 10% हिस्सेदारी मिली


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2018-02-13 : हाल ही में, PM मोदी के संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) दौरे के दौरान भारतीय कंसोर्टियम को पहली बार तेल संसाधन में वाणिज्यिक हिस्सेदारी हासिल हुई है। सार्वजनिक क्षेत्र की तेल उत्पादन कंपनियों को इसके ऑफशोर लोअर जैकम कंसेशन में 10 प्रतिशत हिस्सेदारी मिली है। इस समझौते के तहत भारतीय तेल कम्पनियों को आबू धाबी की ऑफशोर लोअर ज़ैकम में 10 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल हुई है। भारत की इन कम्पनियों में ओएनजीसी (विदेश), भारत पेट्रो रिसोर्सेज और इंडियन ऑयल शामिल हैं।

इस समझौते के तहत ओएनजीसी (विदेश) की अगुवाई वाली कंसोर्टियम ने हिस्सेदारी शुल्क के रूप में अरब अमीरात की मुद्रा में 2.2 अरब दिरहम यानी 60 करोड़ अमेरिकी डॉलर का योगदान दिया। यह समझौता नौ मार्च 2018 से लागू हो जाएगा और इस करार की अवधि 40 वर्ष है। लोअर ज़ैकम तेल क्षेत्र से रोजाना 4 लाख बैरल तेल का उत्पादन होता है, जबकि वर्ष 2025 तक इसे 4.5 लाख बैरल करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

इस तेल क्षेत्र से उत्पादित कुल तेल का 10 प्रतिशत हिस्सा भारतीय तेल उत्पादक ओएनजीसी विदेश का हक होगा। आबू धाबी, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) का भाग है जो गल्फ को-ऑपरेशन काउंसिल (जीसीसी) का सदस्य है। यूएई भारत को सबसे ज्यादा तेल की आपूर्ति करता है और ये भारत का दसवां सबसे बड़ा निवेशक भी है।

भारत और यूएई के मध्य हुए समझौतों की सूची इस प्रकार है....

# इंडियन कंसोर्टियम (ओवीएल, बीपीआरएल और आईओसीएल) तथा अबूधाबी नेशलन ऑयल कंपनी (एडीएनओसी) के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर।

# भारत सरकार एवं यूएई की सरकार ने श्रम शक्ति के क्षेत्र में भी एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किय हैं।

# तकनीकी क्षेत्र में भी भारत एवं यूएई के मध्य एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये गये। एमओयू का लक्ष्य बुनियादी ढांचा क्षेत्र, विशेष रूप से रेलवे में सहयोग करना है।

# बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज एवं आबू धाबी सिक्योरिटीज एक्सचेंज के मध्य एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये गये।

# जम्मू एवं कश्मीर तथा डीपी वर्ल्ड में भी एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये गये।

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