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संयुक्त राष्ट्र मानव विकास सूचकांक में भारत को मिला 130वां स्थान

संयुक्त राष्ट्र मानव विकास सूचकांक में भारत को मिला 130वां स्थान


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2018-09-17 : हाल ही में, संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) की ओर से जारी मानव विकास रैकिंग (Human Development Index) में भारत को 130वां स्थान प्राप्त हुआ है। पाठकों को बता दे की भारत को वर्ष 2018 की रैंकिंग में एक स्थान का सुधार मिला जिससे भारत 189 देशों के बीच 130वां नंबर मिला है। वर्ष 2017 के लिए भारत का एचडीआई मूल्य 0.640 है। जिसके कारण भारत को मानव विकास श्रेणी में रखा गया है। यह दक्षिण एशिया के औसत 0.638 से अधिक है।

संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के अनुसार भारत में जीवन प्रत्याशा के मामले में स्थिति बेहतर हुई है। वर्ष 1990 से 2017 के बीच भारत में जन्म के वक्त जीवन प्रत्याशा में करीब 11 सालों की बढ़ोतरी हुई है। भारत में जीवन प्रत्याशा 68.8 साल है जबकि 2016 में यह 68.6 साल और 1990 में 57.9 साल थी। रिपोर्ट के अनुसार, स्कूली शिक्षा के मामले में भी स्थिति सुधरी है, जबकि 1990 और 2017 के बीच भारत की सकल राष्ट्रीय आय (GNI) प्रति व्यक्ति 266.6 प्रतिशत बढ़ी है।

इसके अलावा 189 देशों में से 59 देशों को उच्च मानव विकास की श्रेणी में, जबकि 38 देशों को न्यूनतम मानव विकास की श्रेणी में शामिल किया गया है। हालाँकि, असमानताओं के कारण भारत के HDI मान में 26.8 प्रतिशत की कमी हुई है, जो दक्षिण एशियाई पड़ोसियों (क्षेत्र के लिये औसत नुकसान 26.1 प्रतिशत) के मुकाबले ज्यादा है। इस रिपोर्ट में लैंगिक असमानता सूचकांक के स्तर पर भारत 160 देशों की सूची में 127वें स्थान पर है और बांग्लादेश और पाकिस्तान के मुकाबले बेहतर स्थान हासिल किया है।

संयुक्त राष्ट्र मानव विकास सूचकांक के बारे में :-

# यह सूचकांक मानव विकास के तीन बुनियादी आयामों (लंबा एवं स्वस्थ जीवन, ज्ञान तक पहुँच तथा जीवन जीने का एक सभ्य स्तर) द्वारा प्रगति का आकलन करने का एक वैश्विक मानक है।

# इसे प्रसिद्ध अर्थशास्त्री महबूब-उल-हक द्वारा बनाया गया था, जिसका 1990 में अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन द्वारा समर्थन किया गया और बाद में इसे संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) द्वारा प्रकाशित किया गया।

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