Forgot password?    Sign UP
‘रेडियो कश्मीर - इन टाइम्स ऑफ पीस एंड वॉर’ नामक  पुस्तक का विमोचन हुआ

‘रेडियो कश्मीर - इन टाइम्स ऑफ पीस एंड वॉर’ नामक पुस्तक का विमोचन हुआ


Advertisement :

2018-11-21 : हाल ही में, पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री, कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह ने 20 नवंबर 2018 को नई दिल्ली में डॉ. राजेश भट्ट द्वारा लिखित “रेडियो कश्मीर - इन टाइम्स ऑफ पीस एंड वॉर” (रेडियो कश्मीर-शांति एवं युद्ध काल में) नामक पुस्तक का विमोचन किया। रेडियो कश्मी‍र - इन टाइम्स ऑफ पीस एंड वॉर नामक पुस्तक गहरे और विस्तृ्त शोध पर आधारित है तथा लेखक ने देश के कल्याण एवं सुरक्षा संबंधी विभिन्नॉ मुद्दों के मद्देनज़र सरकार और जनता के रणनीतिक हितों को सुरक्षित बनाने में मीडिया द्वारा निभाई गई अहम भूमिका को रेखांकित किया है।

वर्ष 1947 के बाद से सामाजिक और सांस्कृतिक ताने-बाने को कायम रखने में रेडियो कश्मीर महत्वपूर्ण भूमिका निभाता रहा है, जिसे लेखक ने अपनी पुस्तक में पेश किया है। पुस्तक में देशवासियों की सेवा करने, खासतौर से इस क्षेत्र के लोगों की सेवा करने तथा राज्य के लोकतांत्रिक संस्थानों को मजबूत बनाने में रेडियो कश्मीर की भूमिका का भी उल्लेख है।

रेडियो कश्मीर के बारे में :-

# रेडियो कश्मीर की स्थापना 01 जुलाई 1948 को शेख अब्दुल्ला द्वारा की गई थी। उन्होंने रेडियो कश्मीर के श्रीनगर स्टेशन का उद्घाटन किया था।

# जे एन ज़ुत्शी रेडियो कश्मीर के पहले डायरेक्टर जनरल थे। वे जम्मू और कश्मीर सरकार में सूचना प्रसारण मंत्री भी थे।

# रेडियो कश्मीर पुष्कर भान के ज़ून दाब कार्यक्रम के चलते काफी प्रसिद्ध हो गया था, यह कार्यक्रम 19 वर्ष से भी अधिक समय तक चला था।

# रेडियो कश्मीर ने कश्मीरी संस्कृति के प्रति काफी योगदान दिया है। यहां से आज भी कश्मीरी सांस्कृतिक लोकगीतों का प्रसारण होता है।

# रेडियो कश्मीर के महत्व का अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि वर्ष 2014 की भीषण बाढ़ के समय केवल रेडियो कश्मीर ही एकमात्र संपर्क का साधन था।

Provide Comments :


Advertisement :