निकोलस मादुरो बने दूसरी बार वेनेज़ुएला के राष्ट्रपति
2019-01-11 : हाल ही में, वेनेज़ुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो ने 10 जनवरी 2019 को भारी विवादों के बीच दोबारा राष्ट्रपति पद की शपथ ली। निकोलस मादुरो को उच्चतम न्यायालय के प्रमुख माइकेल मोरेनो ने पद की शपथ दिलाई। वे इस पद पर वर्ष 2019 से वर्ष 2025 तक बने रहेंगे। वेनेज़ुएला की राजधानी काराकास में आयोजित शपथ ग्रहण में सैकड़ों की संख्या में लोग उपस्थित थे। इस शपथ ग्रहण समारोह में 94 देशों का प्रतिनिधिमंडल शामिल हुए। इनमें बोलीविया के राष्ट्रपति एवो मोरोलेस, क्यूबा के राष्ट्रपति मिगुएल डियाज कनाल, निकारागुआ के राष्ट्रपति डेनियल ओर्टेगा और अल सल्वाडोर के राष्ट्रपति सल्वाडोर सांचेज केरेन शामिल हैं।
निकोलस मादुरो के शपथ ग्रहण समारोह का यूरोपीय संघ, अमेरिका और वेनेज़ुएला के दक्षिण अमेरिका के पड़ोसी देशों ने बहिष्कार किया है। अमेरिकी सरकार पहले ही निकोलस मादुरो के अधिकारियों पर प्रतिबंध लगा चुकी है, जबकि क्यूबा के राष्ट्रपति मिगुएल डियाज-कैनेल और बोलीविया के राष्ट्रपति इवो मोरालिस ने मादुरो के दूसरे कार्यकाल का समर्थन किया है। वेनेज़ुएला इस समय भारी आर्थिक संकट का सामना कर रहा है, जिसके चलते देश में पलायन की स्थिति लगातार बनी हुई है, लेकिन इन सब के बावजूद सरकारी अनुदान प्राप्त करने वाले लोगों ने राष्ट्रपति निकोलस मादुरो के दूसरी बार राष्ट्रपति के तौर पर शपथ लेने का समर्थन किया है। निकोलस मदुरो को चुनाव में 67।84 फीसदी वोट मिले थे।
निकोलस मादुरो के बारे में :-
# निकोलस मादुरो का जन्म 23 नवंबर 1962 को हुआ था।
# वे यूनाइटेड सोशलिस्ट पार्टी ऑफ वेनेजुएला के नेता हैं।
# वे वर्ष 2007 से पहले वह फिफ्थ रिपब्लिक मूवमेंट पार्टी के सदस्य थे।
# राष्ट्रपति ह्यूगो चावेज़ के नेतृत्व में निकोलस मादुरो देश के उप राष्ट्रपति रहे, वे वर्ष 2006 में देश के विदेश मंत्री भी रहे।
# निकोलस मादुरो एक उदारवादी नेता हैं।
# वेनेज़ुएला के इतिहास में निकोलस मादुरो वह शख़्स हैं जिन्होंने लातिन अमरीकी देशों में 21वीं शताब्दी के सबसे शानदार और करिश्माई नेता उगो शावेज़ की जगह ली।
# बस ड्राइवर के बेटे के रूप में बचपन बिताने वाले निकोलस मादुरो के लिए ये उनके राजनीतिक जीवन की एक बड़ी उपलब्धि थी।
# वेनेज़ुएला को कंगाली से बचाने के लिए राष्ट्रपति निकोलस मादुरो ने नई वर्चुअल करेंसी (मुद्रा) बनाने की घोषणा की थी।