
NPPA ने कैंसर के इलाज की 390 गैर-अनुसूचित दवाओं की कीमत में 87% तक की कमी की
2019-03-09 : हाल ही में, राष्ट्रीय औषधि मूल्य प्राधिकरण (एनपीपीए) ने 08 मार्च 2019 को कैंसर के उपचार में उपयोग होने वाली 390 दवाओं की नई एमआरपी (अधिकतम खुदरा मूल्यप) लिस्ट जारी की है। एनपीपीए ने इन दवाओं की कीमतों में 87 प्रतिशत तक की कटौती की है। एनपीपीए ने 38 दवाओं की कीमत में 75 प्रतिशत की कटौती की है। बता दे की कैंसर की 426 दवाओं में से 390 दवाओं, जो कुल दवाओं का 91 प्रतिशत है, की कीमतों को कारोबारी मुनाफे को तार्किक बनाने के जरिये घटाया है। ऐसा अनुमान है कि कीमतों में कटौती के बाद मरीजों को लगभग 800 करोड़ रुपए की बचत होगी। राष्ट्रीय औषधि मूल्य प्राधिकरण (एनपीपीए) एक सरकारी नियामक एजेंसी है जो भारत में दवाइयों की कीमतों को नियंत्रित करती है। इसका गठन 29 अगस्त 1997 को हुआ था।
इससे पहले 27 फरवरी 2019 को एनपीपीए ने कहा है कि कैंसर की कुछ दवाओं पर मुनाफा 30 प्रतिशत से ज्यादा नहीं लिया जा सकता है। कैंसर के इलाज में काम आने वाली 42 गैर अनुसूचित दवाएं अब मूल्य नियंत्रण के दायरे में आ गई हैं। कैंसर रोधी 57 दवाएं पहले ही मूल्य नियंत्रण के दायरे में हैं। कारोबारी मुनाफे पर लगाम वाले 355 ब्रांड अब मूल्य नियंत्रण के दायरे में होंगे।
एनपीपीए ने विनिर्माताओं और अस्पतालों को निर्देश दिया है कि वह इन दवाओं पर नए मूल्य को लागू करें। नए मूल्य आठ मार्च से प्रभावी हो गये। कारोबारी मुनाफे को तार्किक बनाने के लिए बनी विशेषज्ञों की समिति ने 42 कैंसर रोधी दवाओं का मूल्य नियंत्रण के दायरे में लाने की सिफारिश की थी, जिसके बाद एनपीपीए ने यह कदम उठाया है।