प्रसिद्ध बिरहा गायक पद्मश्री हीरालाल यादव का निधन
2019-05-13 : हाल ही में, भारत के प्रसिद्ध बिरहा गायक हीरालाल यादव का 12 मई 2019 को वाराणसी में निधन हो गया। वे 93 वर्ष के थे तथा पिछले कुछ समय से अस्वस्थ चल रहे थे। वे पिछले कुछ समय से बीमार थे, और उनका इलाज चल रहा था। हीरालाल के परिवार में उनकी पत्नी, छह बेटे तथा तीन बेटियां हैं। गौरतलब है कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 16 मार्च 2019 को हीरालाल को पद्मश्री से सम्मानित किया था। अस्वस्थता के बाद भी वह सम्मान ग्रहण करने राष्ट्रपति भवन पहुंचे थे। पिछले 70 वर्षों में पहली बार बिरहा को सम्मान मिला था।
बिरहा गायन के बारे में :-
# पूर्वी उत्तर प्रदेश तथा पश्चिमी बिहार के भोजपुरीभाषी क्षेत्र में बिरहा लोकगायन की एक प्रचलित विधा है।
# बिरहा की उत्पत्ति 19वीं शताब्दी आरंभ में मानी जाती है। विशेषकर जब ब्रिटिश शासनकाल में ग्रामीण क्षेत्रों से पलायन कर महानगरों में मजदूरी करने की प्रवृत्ति बढ़ गयी थी।
# ऐसे श्रमिकों को रोजी-रोटी के लिए लम्बी अवधि तक अपने घर-परिवार से दूर रहना पड़ता था।
# दिन भर के कठोर श्रम के बाद रात्रि में अपने विरह व्यथा को मिटाने के लिए छोटे-छोटे समूह में ये लोग बिरहा का ऊँचे स्वरों में गायन किया करते थे।
# बिरहा गायन के दो प्रकार सुनने को मिलते हैं। पहले प्रकार को खड़ी बिरहा कहा जाता है और दूसरा रूप है मंचीय बिरहा।
# खड़ी बिरहा में वाद्यों की संगति नहीं होती जबकि मंचीय बिरहा में वाद्य यंत्रों का प्रयोग किया जाता है।