
भारत ने विश्व बैंक के साथ 35 मिलियन अमरीकी डॉलर के ऋण समझौते पर हस्ताक्षर किए|
2016-03-19 : भारत सरकार ने मध्य प्रदेश सिटीजन एक्सेस टू रिस्पोंसिव सर्विस योजना के लिए विश्व बैंक के साथ 35 लाख अमेरिकी डॉलर के ऋण समझौते पर हस्ताक्षर किए। भारत की ओर से वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामले विभाग के संयुक्त सचिव (एमआई) राजकुमार और विश्व बैंक की ओर से भारत में विश्व बैंक के राष्ट्र निदेशक ओन्नो रूहूल ने इस समझौते पर हस्ताक्षर किए।
क्रियान्वयन इकाई समझौते पर मध्य प्रदेश के लोक सेवा प्रबंधन विभाग (लोक सेवाओं की राज्य एजेंसी) के ईडी एम सैलवेन्द्रन और विश्व बैंक की ओर से भारत में विश्व बैंक के राष्ट्र निदेशक ओन्नो रूहूल ने हस्ताक्षर किए। इस परियोजना की लागत 50 मिलियन अमरीकी डॉलर है जिसमें से 35 मिलियन अमरीकी डॉलर विश्व बैंक के द्वारा दिए जाएंगे और शेष धनराशि राज्य के बजट से पूरी की जाएगी परियोजना की अवधि 5 वर्ष है।
इस परियोजना का उद्देश्य वर्ष 2010 के लोक सेवा वितरण गारंटी अधिनियम के कार्यान्वयन के माध्यम से मध्य प्रदेश में लोक सेवाओं की स्तर और उन तक पहुंच में सुधार करना है। इस परियोजना से लोक सेवाओं तक नागरिकों की पहुंच में सुधार, सरकारी सेवाओं का सरलीकरण, कार्यान्वयन एजेंसियों को मजबूत बनाते हुए उनकी क्षमता और प्रबंधन निष्पादन में सुधार होने की संभावना है।