
UP सरकार द्वारा मेडिकल कॉलेजों में SC, ST वर्ग को आरक्षण में छूट समाप्त की गयी
2017-04-14 : उत्तर प्रदेश के निजी मेडिकल कॉलेजों के परास्नातक कोर्स में आरक्षित वर्ग को अब आरक्षण प्रदान नहीं किया जाएगा। यह फैसला पूर्ववर्ती अखिलेश सरकार द्वारा 10 मार्च 2017 को लागू किया गया था, जिसे योगी आदित्य नाथ सरकार ने भी नए सेशन से सूबे के सभी निजी मेडिकल कॉलेजों में लागू कर दिया है। निजी संस्थानों में आरक्षण की शुरुआत वर्ष 2006 में पहली बार मुलायम सिंह यादव ने लागू किया।
जिसके तहत राज्य स्तरीय मेडिकल प्रवेश परीक्षा में सरकारी कॉलेज के साथ सभी प्राइवेट कॉलेजों में एससी, एसटी और ओबीसी का कोटा व्यवस्था को लागू किया गया। कोटा स्नातक और परास्नातक दोनों ही कोर्सों हेतु सामान रूप से लागू किया गया। देश के सरकारी शिक्षण संस्थानों में ओबीसी, एससी और एसटी छात्रों को आरक्षण देने का प्रावधान है। आरक्षण का यह नियम निजी संस्थानों और माइनॉरिटी स्टेटस वाले संस्थानों हेतु बाध्यकारी नहीं है।
योगी आदित्य नाथ सरकार के इस फैसले के बाद यूपी के निजी मेडिकल और डेंटल कॉलेजों में पीजी सीटों में आरक्षण प्रदान नहीं किया जाएगा। और इसके तहत एससी, एसटी और ओेबीसी वर्ग का आरक्षण प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों में समाप्त कर दिया गया है। प्रदेश सरकार के इस फैसले से मेडिकल फील्ड में व्याप्त भ्रष्टाचार को खत्म करने में मदद मिलेगी।
पाठकों को बता दे की अभी तक अनुसचित वर्ग के स्टूडेंट्स को एडमिशन में 21 प्रतिशत, अनुसूचित जनजाति को 2 प्रतिशत, पिछड़ा वर्ग को 27 प्रतिशत और दिव्यांग श्रेणी के स्टूडेंट्स को 3 प्रतिशत आरक्षण का लाभ मिलता था। लेकिन अब नए आदेश के लागू होने के बाद अनुसचित, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा और दिव्यांग सभी वर्ग आरक्षण से वंचित रहेंगे।