
विदेशी नागरिकता प्राप्त करने में भारतीय शीर्ष स्थान पर : Report
2017-06-30 : हाल ही में, पेरिस में 29 जून 2017 को ऑर्गनाइजेशन ऑफ इकनॉमिक को-ऑपरेशन एंड डिवेलपमेंट (OECD) की ओर से इंटरनेशनल माइग्रेशन आउटलुक (2017) रिपोर्ट जारी की गयी। इस रिपोर्ट के अनुसार विश्व में भारतीय लोगों ने सबसे अधिक विदेशी नागरिकता हासिल की है। इस रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2015 में 1.30 लाख भारतीय मूल के नागरिकों ने ओईसीडी के सदस्य देशों की नागरिकता हासिल की। इनमें से अधिकांश वर्क वीजा पर विदेश गए थे। और इसके बाद मेक्सिको (1.12 लाख), फिलीपींस (94,000) और चीन के (78,000) नागरिकों ने सबसे अधिक विदेशी नागरिकता अपनाई है।
इस रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2015 में 20 लाख नागरिकों ने ओईसीडी देशों की नागरिकता हासिल की थी जो वर्ष 2014 में इससे 3 प्रतिशत अधिक थी। ओईसीडी यूरोपीय देशों, अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और जापान सहित 35 देशों का वैश्विक थिंक टैंक है। विश्व में भारतीय प्रवासियों की संख्या सबसे अधिक है। लगभग 156 लाख भारतीय विदेशों में निवास करते हैं।
ओईसीडी में नए प्रवासियों की सूची में चीन शीर्ष पर बना हुआ है। सीरिया में शुरु हुए शरणार्थी संकट के कारण प्रवासियों की संख्या में आई तेजी आई जिससे भारत पांचवें स्थान पर पहुंच गया। ओईसीडी देशों में नए प्रवासियों की संख्या 2015 में 70.39 लाख रही जिसमें चीन की हिस्सेदारी 7.8% रही।
ओईसीडी देशों में भारतीयों की संख्या वर्ष 2013 में 4.4 प्रतिशत से घटकर वर्ष 2015 में 3.9 हो गई। अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और जर्मनी शीर्ष पर हैं जहां भारतीय सबसे अधिक बसना चाहते हैं। वर्ष 2014 में 6 लाख चीनी छात्रों ने विदेशी शिक्षण संस्थानों में दाखिला लिया जबकि इस दौरान भारत से 1.86 लाख छात्र विदेश में शिक्षा प्राप्त करने गये। इस अध्य्यन के दौरान पाया गया कि ओईसीडी देशों में 50 प्रतिशत से अधिक अंतरराष्ट्रीय छात्र एशियाई देशों से हैं।