 
								नेपाल में पुरानी हिंदू प्रथा पर रोक लगाई गयी
                                    2017-08-10 : हाल ही में, नेपाल की संसद ने वर्षों पुरानी उस हिंदू प्रथा पर रोक लगा दी है जिसके तहत पीरियड्स के दौरान महिलाओं को अपवित्र मानकर उन्हें घर के बाहर रहने हेतु मजबूर किया जाता था। अब ऐसा करने पर आरोपी को 3 महीने की जेल या फिर 3 हजार रुपए जुर्माने के तौर पर देने होंगे। इस प्रथा का नाम चौपदी है। वर्ष 2016 में चौपदी प्रथा का पालन करते हुए दो किशोरियों की मौत हुई, जिस कारण नेपाल की संसद ने यह फैसला लिया।
  चौपदी प्रथा के तहत महिलाओं को पीरियड्स के दौरान घर बाहर रहना पड़ता है। नेपाल में पीरियड्स के दौरान महिलाओं को अपवित्र माना जाता है।    इस प्रथा का नाम छौपाड़ी है, प्रथा के अनुसार पीरियड के दौरान महिलाएं गंदी हो जाती है।    ऐसी महिलाओं के लिए लोगों ने कुछ झोपड़ियां बना रखी है जहां पर महिलाओं को पीरियड के दौरान सोने के लिए भेजा जाता है।
   इन झोपड़ियों में महिलाओं को बहुत कम चीजें ही मिलती हैं और कभी-कभी इन झोपड़ियों को कई महिलाएं शेयर भी करती हैं।    इन झोपड़ियों में रहने वाली महिलाओं को न खाना तो खाना बनाने दिया जाता है और न ही ये महिलाएं घर के किसी भी सामान को छू सकती हैं।    इस दौरान महिलाओं को उनके अलग बर्तन दिए जाते हैं, जिसमें वह खाना खाती हैं।
वैसे    नेपाल में ही नहीं बल्कि भारत के कुछ पहाड़ी इलाकों में भी इस प्रथा को माना जाता है और बड़े ही सख्त नियमों से इसका पालन किया जाता है।    नए कानून के तहत यदि किसी महिला को पीरियड्स के दौरान बाहर रहने के लिए मजबूर किया गया तो आरोपी को 3 महीने की जेल या फिर 3 हजार रुपए जुर्माने के तौर पर देने होंगे।    
									
 
							 
												