
केंद्र सरकार ने पेट्रोलियम मंत्रालय को IEA बायो-एनर्जी टीसीपी का 25वां सदस्य बनने को मंजूरी दी
2019-03-03 : हाल ही में, केन्द्रीय मंत्रिमंडल द्वारा पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय को आईईए बायो-एनर्जी टीसीपी का 25वां सदस्य बनने के लिए मंजूरी प्रदान की गई। पाठकों को बता दें की इसके अन्य सदस्यों में ऑस्ट्रलिया, ऑस्ट्रिया, बेल्जियम, ब्राजील, कनाडा, क्रोएशिया, डेनमार्क, एस्तोनिया, फिनलैंड, फ्रांस, जर्मनी, आयरलैंड, इटली, जापान, कोरिया गणराज्य, नीदरलैंड, न्यूजीलैंड, नॉर्वे, दक्षिण अफ्रीका, स्वीडन, स्विटजरलैंड, इंग्लैंड, अमेरीका और यूरोपीय संघ शामिल हैं।
बायो-एनर्जी (आईईए बायो-एनर्जी टीसीपी) संबंधी अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी सहयोग कार्यक्रम विभिन्न देशों के बीच सहयोग के लिए एक अंतर्राष्ट्रीय मंच है। इसका मुख्य कार्य बायो-एनर्जी अनुसंधान और विकास में राष्ट्रीय कार्यक्रमों वाले देशों के बीच सहयोग तथा सूचनाओं के आदान-प्रदान में सुधार करना है। आईईए बायो-एनर्जी टीसीपी में अऩुसंधान एवं विकास कार्य सुपरिभाषित 3 वर्ष की अवधि के भीतर किया जाता है तथा इन कार्यक्रमों को ‘नियत कार्य’ कहा जाता है। हर वर्ष इन नियत कार्यों की जांच और मूल्यांकन किया जाता है तथा हर तीन वर्षों के दौरान नियत कार्य के विषय को दुरुस्त किया जाता है तथा नए नियत कार्य शुरू किये जाते हैं। पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय जिन नियत कार्यों में भाग लेता है, उनमें सार्वजनिक क्षेत्र की तेल एवं विपणन कंपनियों के तकनीकी व्यक्ति भी योगदान देते हैं।
पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय द्वारा आईईए बायो-एनर्जी टीसीपी में शामिल होने का प्रमुख उद्देश्य उन्नत बायो ईंधन के विपणन को सुविधा देना है, ताकि उत्सर्जन में कमी लाई जा सके और कच्चे तेल के आयात में कटौती हो सके। आईईए बायो-एनर्जी टीसीपी बायो एनर्जी अनुसंधान, प्रौद्योगिकी विकास, प्रदर्शन और नीति-विश्लेषण में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और सूचनाओं के आदान-प्रदान का मंच भी प्रदान करता है। इस संबंध में बायो-एनर्जी प्रौद्योगिकियों के अल्प और दीर्घकालिक तैनाती के लिए पर्यावरण, संस्थागत, प्रौद्योगिकिय, सामाजिक और बाजार बाधाओं को दूर करने पर ध्यान दिया जाता है।