
विश्व अल्जाइमर दिवस दुनियाभर में मनाया गया |
0000-00-00 : हाल ही में “विश्व अल्जाइमर दिवस” 21 सितंबर 2015 को दुनियाभर में मनाया गया। इसका उद्देश्य विश्व भर में लोगों को अल्जाइमर रोग के बारे में जागरूक करना है। विश्व अल्जाइमर दिवस 2015 का विषय ‘रिमेंबर मी’ (Remember Me) रखा गया। स्मरणशक्ति खो देना, शब्दों को बोलने में कठिनाई होना, समय व स्थान का ध्यान न रख पाना या निर्णय ले पाने में सक्षम न होना इस बीमारी के लक्षण हैं। इन लक्षणों के आधार पर वर्ष 1906 में जर्मन न्यूरोलॉजिस्ट एलोइस अल्जाइमर ने इसे एक बीमारी का नाम दिया। एलोइस अल्जाइमर के नाम पर इस बीमारी को अल्जाइमर कहा गया।
इसलिए मनाया गया है विश्व अल्जाइमर दिवस :-
अल्जाइमर एक तरह की भूलने की बीमारी है, जो सामान्यत: बुजुर्गो में होती है। इस बीमारी से पीड़ित मरीज सामान रखकर भूल जाते हैं। यही नहीं, वह लोगों के नाम, पता या नंबर, खाना, अपना ही घर, दैनिक कार्य, बैंक संबंधी कार्य, नित्य क्रिया तक भूलने लगता है। अल्जाइमर बीमारी, डिमेंशिया रोग का एक प्रमुख प्रकार है। डिमेंशिया के अनेक प्रकार होते हैं। इसलिए इसे अल्जाइमर डिमेंशिया भी कहा जाता है।
अल्जाइमर डिमेंशिया प्रौढ़ावस्था और वृद्धावस्था में होने वाला एक ऐसा रोग है, जिसमें मरीज की स्मरण शक्ति कमजोर होती जाती है। जैसे-जैसे उम्र बढ़ती जाती है, वैसे-वैसे यह रोग भी बढ़ता जाता है। याददाश्त क्षीण होने के अलावा रोगी की सोच-समझ, भाषा और व्यवहार पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। मरीज चिड़चिड़ा, शक्की, अचानक रोने लगना, भाषा व बातचीत प्रभावित होना आदि में परिवर्तन आ जाता है।