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 रेल मंत्रालय एवं जल संसाधन मंत्रालय के मध्य समझौता |

रेल मंत्रालय एवं जल संसाधन मंत्रालय के मध्य समझौता |


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0000-00-00 : रेल मंत्री सुरेश प्रभाकर प्रभु एवं जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्री उमा भारती की उपस्थिति में रेल उद्येश्यों के लिए गंगा एवं यमुना नदी में स्थित सीवेज/ उत्प्रवाही उपचार संयंत्रों से उपचार के बाद पीने के अयोग्य जल के उपयोग को लेकर रेल मंत्रालय एवं जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्रालय के बीच 03 दिसंबर 2015 को समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।

समझौता ज्ञापन की मुख्य विशेषताएं इस प्रकार है :-

# एसटीपी/ ईटीपी से उपचार हो चुके जल का उपयोग विभिन्न गैर लाभकारी उद्देश्यों के लिए किया जाएगा।

# जहां कहीं भी रेलवे स्टेपशनों समेत ऐसे प्रतिष्ठानों के लिए पीने के अयोग्य पानी की जरूरत होगी, जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्रालय इसके लिए आवश्यक पाइपलाइन, पंप आदि सुलभ कराएगा। जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्रालय इसके लिए प्रारंभिक राशि का भुगतान करेगा।

# रेल मंत्रालय उनके द्वारा उपयोग में लाए जाने वाले ऐसे पानी के लिए राशि अदा करेगा जिसका फैसला दोनों मंत्रालय आपसी सहमति से करेंगे।

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