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जवाहरलाल नेहरु बंदरगाह बना प्रत्येक कंटेनर की रेडियो टैगिंग करने वाला भारत का पहला बंदरगाह|

जवाहरलाल नेहरु बंदरगाह बना प्रत्येक कंटेनर की रेडियो टैगिंग करने वाला भारत का पहला बंदरगाह|


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2016-07-05 : हाल ही में, जवाहरलाल नेहरु बंदरगाह 1 जुलाई 2016 को प्रत्येक कंटेनर की रसद का रेडियो टैगिंग एवं लॉजिस्टिक डाटा रखने वाला देश का पहला बंदरगाह बना। इससे आयात-निर्यात करने वाले व्यापारियों को उनके द्वारा मंगाई/भेजी गयी रसद की जानकारी रखना सुगम होगा। प्रत्येक कंटेनर के साथ एक रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन टैग (आरएफआईडी) लगाया जायेगा। इससे किसी भी स्थान पर मौजूद कंटेनर के स्थान की उचित जानकारी प्राप्त हो सकेगी। इससे रेल अथवा रोड द्वारा भेजे जाने वाले कंटेनरों की आवाजाही पर पारदर्शिता बनी रहेगी। सप्लाई चेन के माध्यम से जुड़ी विभिन्न एजेंसियों द्वारा रियल टाइम जानकारी दी जा सकेगी। इससे समय की बचत होगी तथा लेन-देन की लागत तथा व्यापारियों की सुगमता हेतु मार्ग प्रशस्त होगा।

जवाहरलाल नेहरु बंदरगाह के बारे में :-

# यह भारत का सबसे बड़ा बंदरगाह है।

# यह महाराष्ट्र स्थित मुंबई के पूर्व में है। यह अरब सागर में स्थित है तथा यहां तक पहुंचने के लिए ठाणे क्रीक का सहारा लेना पड़ता है।

# इसे न्हावा शेवा बंदरगाह के नाम से भी जाना जाता है।

# इसका यह नाम न्हावा और शेवा नाम से नजदीकी गांवों के कारण रखा गया।

# यह पोर्ट भारतीय रेलवे द्वारा प्रस्तावित वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के रूप में भी जाना जाता है।

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