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किसी भी तरह के भुगतान हेतु पैन कार्ड अनिवार्य किया गया

किसी भी तरह के भुगतान हेतु पैन कार्ड अनिवार्य किया गया


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2017-02-03 : हाल ही में, केन्द्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बजट 2017-18 में प्रावधान किया है कि देश में अब किसी भी प्रस्कार के भुगतान हेतु पैन कार्ड अनिवार्य होगा। यदि किसी भुगतान में पैन नंबर नहीं दिया जाता है तो उस भुगतान पर दोगुना टैक्स आयकर विभाग द्वारा काटा जाएगा। वर्तमान में 1 लाख रुपये से अधिक की खरीददारी हेतु पैन कार्ड अनिवार्य है। साथ ही कई क्षेत्रों में बिना पैन के ट्रांजैक्शन संभव ही नहीं था। सरकार द्वारा पैन कार्ड अनिवार्य करना सरकार का कैशलेस इकोनॉमी प्रोत्साहित करना है। ज्यादा से ज्यादा ट्रांजैक्शन पैन नंबर के माध्यम से करने से केन्द्रीय सरकार की टैक्स इनकम बेस को भी बढ़ाया जा सकेगा।

आम बजट 2017-18 में किए गए प्रावधान के अनुसार पैन नंबर को सभी भुगतानों के लिए अनिवार्य करने के साथ-साथ सरकार ने प्रावधान किया है कि जिन भुगतानों में श्रोत पर टैक्स (टीडीएस) काटा जाता है, यदि वहां पैन नंबर का जिक्र नहीं किया गया तो भुगतान करने वाले से दोगुना टीडीएस वसूला काया जाएगा।

टीडीएस नियमों के अनुसार एक निश्चित तरह का भुगतान करने वाले व्यक्ति को पैसा देने से पहले तय दर से टैक्स काटकर केन्द्र सरकार के खजाने में जमा कराना होता है। भुगतान लेने वाला व्यक्ति इस जमा टैक्स के ऐवज में सरकार से अपना टैक्स रिटर्न भरते वक्त क्लेम ले सकता है।

आम बजट 2017-18 में किए गए नए प्रावधान के अनुसार ऐसे सभी ट्रांजैक्शन जहां टीडीएस काटना अनिवार्य है, में भुगतान करने वाले को पैन नंबर का हवाला देना होगा। पैन नंबर न देने की स्थिति में उससे दोगुना दर से टीडीएस वसूला किया जाएगा।

इस नियम को और अधिक सख्त करते हुए बजट के माध्यम से केन्द्र सरकार ने अकाउंटेंट, मर्चेंट बैंकर और कॉस्ट अकाउंटेंट द्वारा इनकम टैक्स विभाग को किसी भी भुगतान की गलत सूचना देने पर पेनाल्टी का प्रावधान कर दिया है।

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