
भारतीय मूल की गीता गोपीनाथ बनीं आईएमएफ (IMF) की प्रमुख अर्थशास्त्री
2018-10-02 : हाल ही में, हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में भारतीय मूल की प्रोफेसर गीता गोपीनाथ को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) का प्रमुख अर्थशास्त्री नियुक्त किया गया है। वो मौरीस ओब्सफेल्ड की जगह लेंगी। मौरी इस साल के अंत में रिटायर हो जाएंगे। गीता गोपीनाथ इस वक्त हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में इंटरनेशनल स्टडीज ऑफ इकोनॉमिक्स में प्रोफेसर हैं। उन्होंने इंटरनेशनल फाइनेंस और मैक्रोइकोनॉमिक्स में रिसर्च की है। बता दे की आईएमएफ में इस पद पर पहुंचने वाली गीता दूसरी भारतीय हैं, जबकि पहली भारतीय महिला हैं। उनसे पहले भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन भी आईएमएफ में प्रमुख अर्थशास्त्री रह चुके हैं।
केरल सरकार ने गीता को पिछले साल राज्य का वित्तीय सलाहकार नियुक्त किया था। गीता का जन्म केरल में ही हुआ था। जब केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने गीता की नियुक्ति की थी तो उस समय उन्हीं की पार्टी के कुछ लोग नाराज भी हुए थे। उस समय गीता ने कहा था कि ये पद मिलने के बाद वो सम्मानित महसूस कर रही हैं। गीता अमेरिकन इकोनॉमिक्स रिव्यू की सह-संपादक और नेशनल ब्यूरो ऑफ इकोनॉमिक रिसर्च (एनबीइआर) में इंटरनेशनल फाइनेंस एंड मैक्रोइोकनॉमिक की सह-निदेशक भी हैं। गीता ने व्यापार और निवेश, अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संकट, मुद्रा नीतियां, कर्ज और उभरते बाजार की समस्याओं पर लगभग 40 रिसर्च लेख लिखे हैं।
गीता साल 2001 से 2005 तक शिकागो यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर थीं। इसके बाद साल 2005 में हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर के तौर पर उनकी नियुक्ति हुई। साल 2010 में गीता इसी यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर बनीं और फिर 2015 में वे इंटरनेशनल स्टडीज ऑफ इकोनॉमिक्स की प्रोफेसर बन गईं। गीता ने ग्रेजुएशन तक की शिक्षा भारत में पूरी की। गीता ने साल 1992 में दिल्ली विश्वविद्यालय के लेडी श्रीराम कॉलेज से अर्थशास्त्र में ऑनर्स की डिग्री प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से अर्थशास्त्र में हीमास्टर डिग्री पूरी की। साल 1994 में गीता वाशिंगटन यूनिवर्सिटी चली गईं। साल 1996 से 2001 तक उन्होंने प्रिंसटन यूनिवर्सिटी से अर्थशास्त्र में पीएचडी पूरी की।