Forgot password?    Sign UP
सुप्रीम कोर्ट का फैसला : मोबाइल कॉल ड्राप 2% से अधिक न हो!

सुप्रीम कोर्ट का फैसला : मोबाइल कॉल ड्राप 2% से अधिक न हो!


Advertisement :

2016-03-12 : हाल ही में, सुप्रीम कोर्ट ने 10 मार्च 2016 को टेलीकॉम ऑपरेटरों को निर्देशित दिए कि वे यह सुनुश्चित करें कि कॉल ड्रॉप 2 फीसदी की सीमा से ज्यादा न हों। भारत सरकार के उपक्रम भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नियमों का कम्पनियाँ अनिवार्य रूप से पालन करें। न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ की अध्यक्षता वाली खंडपीठ नेसेलुलर ऑपरेटर संघ से कहा कि वो भरोसा दें कि उनके ऊपर कॉल ड्रॉप को लेकर कभी जुर्माना नहीं लगाया गया।

सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीओएआई), भारत के एकीकृत दूरसंचार सेवा प्रदाताओं के समूह और 21 दूरसंचार ऑपरेटरों की एक संस्था ने कॉल ड्रॉप पर टेलीकॉम रेगुलेटरी के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की है। दिल्ली उच्च न्यायालय ने भी ट्राई के 16 अक्टूबर 2015 के फैसले के अनुपालन हेतु सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीओएआई) को आदेश दिया था।

ट्राई ने कॉल ड्रॉप पर जुर्माने को 1 जनवरी 2016 से अनिवार्य कर दिया था। ट्राई ने कॉल ड्रॉप पर सेलुलर ऑपरेटरों को निर्देशित किया था कि वे उपभोक्ताओं को अपने नेटवर्क क्षेत्र में एक रुपया प्रति कॉल ड्रॉप, अधिकतम 3 रुपए प्रति दिन का भुगतान करेंगे। उच्च न्यायालय ने भी ट्राई की सिफारिशों को प्रभावी तरीके से लागू करने हेतु अनुमति दी थी। यदि ट्राई की सिफारिशों को प्रभावी तरीके से लागू किया जाता है तो एक वर्ष में दूरसंचार ऑपरेटरों को लगभग 50000 करोड़ रुपए उपभोक्ताओं को भुगतान करना होगा।

Provide Comments :


Advertisement :